SSC GD Foundation रक्षक बैच 2025-26
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21 May 2025 12:05 PM
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1.
खरीफ की खेती शुरू होने से पहले सरकार ने किसानों के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बुधवार को वर्ष 2025-26 के खरीफ सत्र के लिए 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी की गई। सामान्य किस्म के धान के एमएसपी को 69 रुपये बढ़ाकर 2,369 रुपये प्रति विवंटल कर दिया गया है। 'ए ग्रेड' धान का एमएसपी 2,389 रुपये क्विंटल होगा। अन्य फसलों में मूंग, उड़द, कपास, मूंगफली, सूरजमुखी, ज्वार, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, सोयाबीन (पीला), तिल एवं रामतिल शामिल हैं। इन सभी फसलों का एमएसपी खेती में आने वाली लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक रखा गया है।
2.
दिल्ली हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के लिए पुनर्वास की शर्त सही नहीं है। अतिक्रमणकारियों के पास पुनर्वास की मांग करने का कोई पूर्ण संवैधानिक अधिकार नहीं है। यदि ऐसी अनुमति दे जाती है तो सार्वजनिक परियोजनाओं में अनावश्यक बाधा उत्पन्न होगी। अतिक्रमण ने न केवल राजधन की सुंदरता को प्रभावित किया है, बल्कि यह बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याओं का भी कारण बन गया है।
3.
सरकार ने तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय के साथ आपरेशन संचालन को अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए अंतर सेवा संगठन (कांड, नियंत्रण और अनुशासन) अधिनियम 2023 के तहत तैयार किए गए नियमों को लागू कर दिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच इन नियमों को लागू करने की अधिसूचना 27 मई को जारी की गई। रक्षा मंत्रालय ने इसे तीनों सेनाओं को संयुक्त कमान के अधीन लाने की दिशा में महत्वपूर्ण करार देते हुए बुधवार को कहा कि इस कदम का उद्देश्य अंतर-सेवा संगठनों (आइएसओ) की प्रभावी कमान, नियंत्रण और कुशल कार्यप्रणाली को मजबूत करना है। इससे तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता और आपरेशन के लिए समन्वय मजबूत होगा।
4.
पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार बढ़ने के साथ कृषि भूमि का बंटवारा और नामांतरण तो कागजों में होता रहा, लेकिन मानचिन्त्र आधारित उपविभाजन नहीं हो सका। नक्शों को अपडेट करने के लिए प्रत्येक 30 वर्ष में भूमि सर्वेक्षण कराने की व्यवस्था को राज्यों द्वारा गंभीरता से न लिए जाने का ही परिणाम है कि कृषि भूमि के नक्शे अप्रासंगिक हो चुके हैं। बेशक, कुछ राज्यों ने अपने स्तर से इस पर काम शुरू किया है, लेकिन अब समन्वित रूप से देशभर में उपविभाजन को डिजिटल नक्शों में अंकित करने के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का भूमि संसाधन विभाग कृषि भूमि का पुनः सर्वेक्षण कराने जा रहा है।
5.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने वाशिंगटन में अमेरिकी उप मंत्री जेफरी केसलर से मुलाकात की और महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकियों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों अधिकारियों ने प्रौद्योगिकी और व्यापार क्षेत्रों में द्विपक्षेय सहयोग को और मजबूत करने के लिए भारत-अमेरिका रणनीतिक व्यापार वार्ता के शीघ्र आयोजन पर भी चचर्चा की। यह मुलाकात रणनीतिक महत्व के क्षेत्रों में नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच उच्च स्तरीय सहयोग को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वाशिंगटन में आयोजित इस बैठक में मौजूदा ढांचे को मजबूत करने और दोनों देशों के बीच प्रमुख तकनीक और व्यापार पहलों पर गति बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
6.
आमतौर पर सभी राजनीतिक दल मांग करते हैं कि कोई भी विधेयक सदन में पेश किए जाने से पहले विचार-विमर्श के लिए संबंधित स्थायी समिति के पास भेजा जाए। लेकिन संसद की स्थायी समिति की बैठकों में उपस्थिति को लेकर सांसदों में खास उत्साह नजर नहीं आता। लोकसभा की एक दर्जन से अधिक स्थायी समितियों में औसतन करीब 40 प्रतिशत सदस्य अनुपस्थित रहे हैं। पिछले वर्ष सितंबर में संसद की स्थायी समितियों का पुनर्गठन किया गया था।
7.
विकसित भारत की खातिर विकसित राज्यों के निर्माण के लिए नीति आयोग ने सभी राज्यों को चरणबद्ध तरीके से अपना विजन डाक्यूमेंट तैयार करने के लिए कहा है। गुजरात और आंध्र प्रदेश ने वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनने के लिए अपना विजन डाक्यूमेंट जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि इन दोनों राज्यों के विजन डाक्यूमेंट को अन्य राज्य भी माडल के रूप में अपना सकते हैं। हालांकि, जानकारों का कहना है कि दक्षिण और उत्तर के राज्यों की आबादी घनत्व से लेकर मैन्यूफैक्चरिंग निवेश, श्रमिकों की कुशलता, जलवायु, भौगोलिक स्थिति में काफी अंतर है। इसलिए हर राज्य को अपनी-अपनी क्षमता और संभावनाओं को देखते हुए विकसित राज्य का विजन डाक्यूमेंट तैयार करना चाहिए।
8.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 'पागल' कह दिया, क्योंकि वह यूक्रेन पर हमले रोक नहीं रहे। ट्रंप संभवतः रूसियों का चरित्र नहीं जानते और न ही उनका इतिहास। किसी अमेरिकी द्वारा युद्ध को अपवाद की तरह लिया जाता है। यह स्वाभाविक है, क्योंकि अमेरिका ने कभी विदेशी करूता नहीं झेला। द्वितीय विश्व युद्ध और वियतनाम युद्ध, दोनों में मिलाकर ही पांच लाख अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। उसी से अमेरिकी काफी खिन्न हुए थे। इसके विपरीत रूस का इतिहास युद्धों से भरा हुआ है। अमेरिकी इतिहासकार प्रोफेसर ग्रेगोरी कालंटन ने अपनी पुस्तक 'रशियाः द स्टोरी आफ बार में सदियों के रूसी इतिहास का आकलन किया है। रूसियों ने अनेक युद्ध झेले हैं। केवल द्वितीय विश्व युद्ध में ही दो करोड़ से अधिक रूसी मारे गए थे। हिटलर ने सचमुच रूसियों को खत्म कर देने के लिए ही लेनिनग्राद पर घेरा डाला था। उस युद्ध में पांच साल में रूस की लगभग संपूर्ण युवा पुरुष आबादी के तीन चौथाई का सफाया हो गया था। उसके पूर्व प्रथम विश्व युद्ध, कम्युनिस्ट क्रांति और गृहयुद्ध में भी छह-सात वर्षों में एक करोड़ रूसी मारे गए, जबकि रूस की कुल आबादी ही 18 करोड़ थी। इसके पहले 1812 में नेपोलियन को विशाल सेना ने मास्को को जलाकर राख कर दिया था। वह सेना तब तक के यूरोपीय इतिहास की सबसे बड़ी थी। लियो टालस्टाय की कालजयी कृति 'बार एंड पीस' उसी पृष्ठभूमि में लिखी गई, जिसे विश्व का महानतम उपन्यास माना जाता है।
9.
पाकिस्तान, बांग्लादेश और चीन अक्सर हमारी सीमाओं पर विविध प्रकार की चुनौतियां प्रस्तुत करते रहते हैं। इतना ही नहीं, पाकिस्तान तो भारत में उथल-पुथल मचाए रखने के लिए कश्मीर के रास्ते आतंकवादियों को भी भेजता रहा है। लिहाजा इन सबसे बचाव के लिए भारतीय सेना को अपनी और से व्यापक तैयारियां करनी पड़ती हैं। इसी क्रम में आपरेशन सिंदूर के बाद से रक्षा बजट में वृद्धि की आवश्यकता महसूस हो रही है। इसका प्रस्ताव भी रक्षा मंत्रालय ने केंद्र सरकार को भेजा है।
10.
पीएम नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 62,000 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली तीन प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की समीक्षा की। कहा, आवासीय परियोजनाओं के प्रति विश्वास बहाली के लिए रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) के प्रविधानों का सख्त अनुपालन महत्वपूर्ण है। इन परियोजनाओं की समीक्षा 'प्रगति' बैठक के दौरान की गई, जो कि सक्रिय शासन और समय पर क्रियान्वयन के लिए आइसीटी आधारित बहु-माडल मंच है।
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